दुनिया जिसे नींद कहती है

दुनिया जिसे नींद कहती है;

जाने वो क्या चीज़ होती है;

आँखें तो हम भी बंद करते हैं सोने के लिए;

पर यह सब तो उनसे मिलने की तरकीब होती है।

शुभरात्रि!