कुदरत के करिश्मों में अगर रात ना होती

कुदरत के करिश्मों में अगर रात ना होती;

ख्वाबों में भी उनसे मुलाक़ात ना होती;

सो जाते हैं हम इसी आस में;

कि आज नहीं तो कल कभी तो उनसे बात होगी।

शुभ रात्रि!