HomepageSher-o-ShayariLove Shayari एक सुकून कि तालाश मे एक सुकून कि तालाश मे, ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं… और लोग कहते हैं, हम बड़े हो गये और ज़िन्दगी संभाल ली… Related Post तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है सिर्फ दो ही वक़्त पर उसका साथ चाहिए Next Read: रिवाज तो यही है दुनिया का » Related Post खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप तेरी यादे सर्दीयो सी बढ रही है