अम्बे हैं वो

अम्बे हैं वो, जगदम्बे हैं वो, वो ही सरस्वती और अन्नपुर्णा हैं,
उसकी शरण में ना जाये बिना, जीवन बस एक तृष्णा हैं..।।।