अभी वाकिफ़ ही कहाँ हैं लोग

अभी वाकिफ़ ही कहाँ हैं लोग हमारे उड़ान से, वो और थे जो बह गए तूफ़ान में
हम जैसा बनने की कोशिश छोड़ दो, शेर पैदा होते हैं बनाए नहीं जाते।