Banke ajnabi mile hai zindagi ke safar mein
बनके अजनबी मिले है जिंदगी के सफर में इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं
बनके अजनबी मिले है जिंदगी के सफर में इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं
आखिर तुम भी आइने की तरह ही निकले, जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए।
कटते नही मुझसे ये तन्हा दिन रात आज मैं सूरज से कहूंगा, मुझे साथ लेकर ङूबे
जब भी देखता हुं हसते खिल खिलाते चेहरेे लोगों के, दुआ करता हुं, इन्हे कभी मोहब्बत ना हो.