हम पत्थर नहीं फौलाद हैं
हम पत्थर नहीं फौलाद हैं, हम ब्राह्मण की औलाद हैं ।
ब्राह्मण जो करते हैं उच्च कोटि का करते हैं, फिर वो चाहे विकास हो या किसी का विनाश हो।
अंगारे नहीं फौलाद हैं हम, परशुराम की औलाद हैं हम, ब्राह्मण वंश के हम चीते हैं, जो खुद के जिगर...
कर्म की भूमी पर, किस्मत के फूल खिलते हैं, नसीब अगर बुलंदी पर हो तो ही ब्राह्मण के घर जन्म...