Wo Nibha Rahi Thi Mohabbat Acche Se
Wo nibha rahi thi mohabbat acche se.. Kabhi idhar... Kabhi udhar
Wo nibha rahi thi mohabbat acche se.. Kabhi idhar... Kabhi udhar
रोज पिलाता हूं एक जहर का प्याला उसे एक दर्द जो दिल में मरता ही नहीं है।
Mere naam se hi jaane jaoge.. Tum Dekh lena phir usse shohrat samjho ya badnami
जिस “चाँद” के हजारों हो चाहने वाले… दोस्त, वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को….!!
हमें लगा दिल ने अब उसे भुला दिया पर आज फिर उसके एक ख्याल ने हमें रुला दिया
ये आँखे अक्सर उन्हीं के लिए बहती है जिसको इनकी कोई परवाह नहीं होती
आँखो की चमक, होठों की मुस्कान बता रही है...... लगता है आज फिर वो मिलने आ रही है......