Ghar ki iss baar
घर की इस बार मुकमल में तलाशी लूँगा, गम छुपा कर मेरे माँ-बाप कहाँ...
Read moreघर की इस बार मुकमल में तलाशी लूँगा, गम छुपा कर मेरे माँ-बाप कहाँ...
Read moreजीवन में दो बार ही माँ बाप रोते हैं, जब बेटी घर छोड़े, तथा...
Read moreमाता पिता के बिना दुनिया की हर चीज कोरी हैं, दुनिया का सबसे सुंदर...
Read moreचाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ करो हजार, अगर माँ बाप को ठुकराया...
Read moreजिस के होने से मैं खुदको मुक्कम्मल मानता हूँ, मेरे रब के बाद मैं...
Read moreमेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत हैं, मेरी माता पिता की बदौलत हैं।
Read more