गाँधी जिस गीता को हाथ लेकर अहिंसा की बात करते,
उसी गीता को सुनकर अर्जुन ने महाभारत युद्ध किया
तो या तो हम गाँधी को नहीं समझे, या वो गीता को।
गाँधी जिस गीता को हाथ लेकर अहिंसा की बात करते,
उसी गीता को सुनकर अर्जुन ने महाभारत युद्ध किया
तो या तो हम गाँधी को नहीं समझे, या वो गीता को।