बुराई का रूप अब भ्रष्टाचार हैं

बुराई का रूप अब भ्रष्टाचार हैं,
रावण के रूप में नेताओं का अत्याचार हैं।
देश रुपी इस लंका में कौन राम बनेगा,
यंहा तो अब बस मिलावटी व्यवहार हैं।