वैदिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में त्वचा को सेहतमंद बनाने के जितने कारगर उपाय हैं उतने किसी भी चिकित्सा पद्धति में नहीं हैं। खास बात यह है कि आयुर्वेदिक उपचार के जरिए त्वचा को एक दिन या एक रात की कृत्रिम सुंदरता नहीं मिलती है, बल्कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, तेल और औषधियों के उपचार से त्वचा को मिली सुंदरता त्वचा को लंबे समय तक जवां और सेहतमंद बनाए रखती है। यह त्वचा में कुदरती सुंदरता लाती है और त्वचा को नुकसानदेह रसायनों के प्रभाव से मुक्त रखती है। आयुर्वेद में ऐसे कई अदभुत जड़ी-बूटी और औषधियां हैं जिसके इस्तेमाल से त्वचा के कील-मुहांसे, दाग-धब्बे, झुर्रियां-झाइयां, बढ़ती उम्र के निशान, आंखों के नीचे आए काले घेरे समेत सभी तरह के चर्म रोगों को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। सुश्रुताचार्य के अनुसार आयुर्वेद में त्वचा के सात स्तर होते हैं। ये स्तर जब शरीर के असंतुलित दोष से प्रभावित होते हैं तो त्वचा पर कई तरह की बीमारियों का जन्म होता है।
उबटन पुराने जमाने से ही आयुर्वेद का सबसे कारगर नुस्खा है। इसे नियमित रूप से लगाया जाए तो त्वचा की चमक में अविश्वसनीय बदलाव आ सकते हैं। हल्दी, चंदन और बेसन का उबटन सबसे लोकप्रिय है।
हल्दी एक रक्त शोधक है और त्वचा में कुदरती चमक लाती है। यह त्वचा को जीवाणु के संक्रमण से भी बचाती है। त्वचा के रोगों के लिए एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है इससे चेहरे की झाइयां, मुहांसे और त्वचा की सूजन भी कम होती है।
चंदन चमकती त्वचा के लिए सबसे असरदार आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है। इसका लेप मुहांसे के उपचार में बहुत असरदार है। स्किन रैशेज और लाल चकते को भी खत्म करता है। स्किन को मॉइश्चराइज करने का भी गुण है इसमें। चंदन का लेप शरीर और त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। सूर्य की तेज धूप और पराबैंगनी किरणों से त्वचा पर हुए सनटैन को भी कम करता है।
दूध सिर्फ शरीर के लिए ही सेहतमंद नहीं है बल्कि त्वचा की सेहत के लिए भी लाभकारी है। दूध त्वचा को निखारने का काम भी करता है। यह क्लींजिंग एजेंट का भी काम करता है। कॉटन में दूध भिगो कर चेहरे की सफाई करें काफी फायदा होगा।
कच्चे नारियल का दूध- कच्चे नारियल के दूध से त्वचा को पोषण मिलता है। इसे लगाने से त्वचा में कुदरती निखार आता है। इसे सीधे चेहरे पर लगा लें और बीस मिनट के बाद धो लें।
केसर चेहरे में गुलाबी निखार लाता है। त्वचा पर केसर का लेप लगाने से कील- मुहांसे, काले धब्बे सभी खत्म होते हैं। केसर का इस्तेमाल ढलती उम्र की महिलाएं करे तो त्वचा पर एजिंग के निशान ही नहीं खत्म होते हैं, बल्कि त्वचा में गोरापन भी आता है।
इस्तेमाल की विधि- पानी में केसर के रेशे डालें। जब पानी सुनहरा रंग का हो जाए तो उसमें जैतून का तेल और कच्चा दूध मिला लें। रुई के फाहे से इस लेप को चेहरे पर लगाएं। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो लें। यह आपकी त्वचा में सोने जैसी चमक लाएगा।
सन्तरा छिलका पाउडर हमारी त्वचा से गंदगी और मृत कोशिकाओं को दूर करता है। यह डेड स्किन सेल्स को साफ करता है और ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स आसानी से निकल जाते हैं। एक चमच्च संतरे के छिलके के पाउडर में एक चमच्च दही मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को जहाँ पर भी आपको ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स हैं वहाँ पर इसे लगायें और 20 मिनट तक सुखने दें। 20 मिनट के बाद गीले हाथों से रगड़ते हुए इस पेस्ट को उतार दें थोडे हि दिनो आपके चेहरे से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स दूर हो जायेंगे।
घृतकुमारी यानि एलोवेरा सौंदर्य उत्पादों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इससे न सिर्फ त्वचा को पोषण मिलता है बल्कि त्वचा को नमी भी पहुंचाती है। घृतकुमारी त्वचा को जीवाणु और रोगाणु के संक्रमण से भी बचाती है। त्वचा की देखभाल में उसे सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रुप में प्रयोग किया जाता है। कील-मुहांसे, कटने-जलने, संक्रमण, एलर्जी, चकते के इलाज के अलावा इसे त्वचा में कुदरती निखार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
इस्तेमाल की विधि- एलोवेरा के पत्तियों से जेल निकाल कर त्वचा पर लगाएं। इसे फलों के पल्प के साथ मिला दें तो एक बेहतर फेस पैक भी तैयार हो सकता है।
नीमपत्र पाउडर : स्किन की किसी भी तरह की प्रॉब्लम के लिए, आप नीमपत्र पाउडर का पानी के साथ पेस्ट क बना लें। इस पेस्ट को त्वचा के उस हिस्से पर लगायें जहा आपको समस्या है इसे आप पुरे चेहरे पर भी लगा सकते है। कुछ देर बाद पेस्ट अपने आप सूख जायेगा, इसके बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। इसका उपयोग दिन में एक बार करें जब तक आपकी समस्या दूर ना हो जाएं।
तुलसी के पत्तों का सेवन कई तरह की बीमारियों के लिए रामबाण तो है ही, साथ ही यह त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है। तुलसी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है। त्वचा पर इसका लेप लगाने से कटे-फटे के निशान खत्म होते हैं। यह त्वचा को ताजगी देती है।
योगा से आती है चेहरे पर कांति रोजाना 15 मिनट प्राणायाम और कपालभाति त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है। इसे करने से त्वचा में आंतरिक आभा आती है और त्वचा हमेशा जवां दिखती है।
घृतकुमारी यानि एलोवेरा सौंदर्य उत्पादों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इससे न सिर्फ त्वचा को पोषण मिलता है बल्कि त्वचा को नमी भी पहुंचाती है। घृतकुमारी त्वचा को जीवाणु और रोगाणु के संक्रमण से भी बचाती है। त्वचा की देखभाल में उसे सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रुप में प्रयोग किया जाता है। कील-मुहांसे, कटने-जलने, संक्रमण, एलर्जी, चकते के इलाज के अलावा इसे त्वचा में कुदरती निखार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
इस्तेमाल की विधि- एलोवेरा के पत्तियों से जेल निकाल कर त्वचा पर लगाएं। इसे फलों के पल्प के साथ मिला दें तो एक बेहतर फेस पैक भी तैयार हो सकता है।
नीमपत्र पाउडर : स्किन की किसी भी तरह की प्रॉब्लम के लिए, आप नीमपत्र पाउडर का पानी के साथ पेस्ट क बना लें। इस पेस्ट को त्वचा के उस हिस्से पर लगायें जहा आपको समस्या है इसे आप पुरे चेहरे पर भी लगा सकते है। कुछ देर बाद पेस्ट अपने आप सूख जायेगा, इसके बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। इसका उपयोग दिन में एक बार करें जब तक आपकी समस्या दूर ना हो जाएं।
तुलसी के पत्तों का सेवन कई तरह की बीमारियों के लिए रामबाण तो है ही, साथ ही यह त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है। तुलसी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है। त्वचा पर इसका लेप लगाने से कटे-फटे के निशान खत्म होते हैं। यह त्वचा को ताजगी देती है।
योगा से आती है चेहरे पर कांति रोजाना 15 मिनट प्राणायाम और कपालभाति त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है। इसे करने से त्वचा में आंतरिक आभा आती है और त्वचा हमेशा जवां दिखती है।
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