जीवन की इस रात में तू चाँद और मैं सितारा होता;
आसमान में एक आशियाना हमारा होता;
लोग तुम्हें दूर से देखते;
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता।
शुभ रात्रि!
जीवन की इस रात में तू चाँद और मैं सितारा होता;
आसमान में एक आशियाना हमारा होता;
लोग तुम्हें दूर से देखते;
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता।
शुभ रात्रि!