वह नहीं आती पर निशानी भेज देती है,
ख्वाबों में दास्तां पुरानी भेज देती है,
कितने मीठे हैं उसकी यादों के मंजर,
कभी-कभी आंखों में पानी भेज देती है…!
ख्वाबों में दास्तां पुरानी भेज देती है,
कितने मीठे हैं उसकी यादों के मंजर,
कभी-कभी आंखों में पानी भेज देती है…!