वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी,
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता,
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !
वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी,
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता,
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !