*उम्र* से हम तभी बड़े हो जाते हैं,
जब *इज़्ज़त* हमें *प्यार* से ज़्यादा
*प्यारी* लगने लगे !
[sc name=”share” id=”101890″ text=”उम्र से हम तभी बड़े हो जाते हैं, जब इज़्ज़त हमें प्यार से ज़्यादा प्यारी लगने लगे !”]
*उम्र* से हम तभी बड़े हो जाते हैं,
जब *इज़्ज़त* हमें *प्यार* से ज़्यादा
*प्यारी* लगने लगे !
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