Category: Urdu Shayari
आसान नहीं है हमसे यूँ शायरी में जीत पाना ….. हम हर एक लफ्ज़ मोहब्बत में हार कर लिखते हैं.
फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया कोई वीरानी सी वीरानी है . दश्त को देख के घर याद आया
यादें उन्ही की आती हैं जिन से कुछ तालुक हो हर शख्स मोहब्बत की नज़र से देखा नहीं जाता …
इतना आसान नहीं शहर-ऐ -मोहब्बत का पता खुद भटकते हैं यहां राह बताने वाले …
चंद तस्वीर-ऐ-बुताँ , चंद हसीनों के खतूत . बाद मरने के मेरे घर से यह सामान निकला
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने “ग़ालिब” के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे