Khafa Shayari
काश कोई मिले इस तरह के फिर जुद़ा ना हो, वो समझे मेरे मिज़ाज़ को औऱ कभी खफ़ा ना हो...
काश कोई मिले इस तरह के फिर जुद़ा ना हो, वो समझे मेरे मिज़ाज़ को औऱ कभी खफ़ा ना हो...
Mai bewajah khumar me hu ek tarfa pyar me hu raat chakhta, aahe bharta sa intezaar me. Yeh ek tarfa...
आज फिर तेरी याद जीने नहीं दे रही है! क्यों ना आज आग लगा दू खुद को!! फूँक मार और...
हम दुनिया से अलग नहीं हमारी दुनिया ही अलग है.. उसे तराशा ऐसा कि हीरा बना दिया अब वही कहते...
इतनी अकड़ किस बात की वे तुम में ऐसी तो कोई बात नहीं और हम तुम्हारे मुंह लगे तुम्हारी इतनी...
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो…!! दीवारों पर भी ” Welcome ”...
Bina Wada Bhi Tera Intezaar Hai, Juda hoke bhi tumse pyaar hai. I Promise Jaan Ki Kitni Bhi Tough...
Waada kiya tha aashu na bhaenge.... unki mohabbat to dekho aazmane me laakho jakhm deke bhi na thake.... Mera wada...