नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे, तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते.
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे, तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते.
भूलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता, मैंने नहीं मेरे दिल ने चुना है तुम्हें!
अपना ख्याल रखा करो मेरे लिए, बेशक़ सांसे तुम्हारी चलती है लेकिन तुम में जान तो हमारी बस्ती है.
थाम लूँ तेरा हाथ और तुझे इस दुनिया से दूर ले जाऊं, जहाँ तुझे देखने वाला मेरे सिवा कोई और...
मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है, आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है।