mahanata kabhi na girne me nahi
mahanata kabhi na girne me nahi balki har baar girkar uth jaane me hai
mahanata kabhi na girne me nahi balki har baar girkar uth jaane me hai
Kismat se ladne me maja aa rha hai, ye mujhe jeetne nahi de rahi, aur haar mai maan nahi raha
जो फ़कीरी मिजाज़ रखते हैं वो ठोकरों में ताज रखते हैं, जिनको कल की फ़िक्र नहीं वो मुठ्ठी में आज...
मार ठोकर पहाड़ों को, बना के रास्ता निकल जा ... तू सोने सा चमक उट्ठेगा, थोड़ा सा मेहनत की आग...
*यूं ही न अपने मिज़ाज को चिड़चिड़ा कीजिये,* *कोई बात छोटी करे तो दिल बड़ा कीजिये...!!*
अगर लगने लगे कि लक्ष्य हासिल नही हो पाएगा, तो लक्ष्य को नहीं बल्कि अपने प्रयासों को बदलें।