पलकों पे तुम्हें सांवरे बिठाने को जी चाहता हैं, तेरी बांहों में श्याम, लिपट जाने को जी चाहता हैं।
खुबूसरत और बेन्याब हो श्याम तुम, कि तुम्हें जिन्दगी बनाने को जी चाहता हैं।
।। जय श्री श्याम।।
पलकों पे तुम्हें सांवरे बिठाने को जी चाहता हैं, तेरी बांहों में श्याम, लिपट जाने को जी चाहता हैं।
खुबूसरत और बेन्याब हो श्याम तुम, कि तुम्हें जिन्दगी बनाने को जी चाहता हैं।
।। जय श्री श्याम।।