ना हाथ मिलाएँगे ना गले मिलेंगे
इस शहर के मिज़ाज का हम पालन करेंगे
हम तो वो शख़्सियत हैं हुज़ूर
जो दूर रहकर भी दिल से दिल मिला लेंगे
~जालिम की कलम से
ना हाथ मिलाएँगे ना गले मिलेंगे
इस शहर के मिज़ाज का हम पालन करेंगे
हम तो वो शख़्सियत हैं हुज़ूर
जो दूर रहकर भी दिल से दिल मिला लेंगे
~जालिम की कलम से