माना की नसीब में मेरे कोई सनम नहीं
फिर भी कोई शिकवा कोई गम नहीं,
तनहा थे और तनहा जिए जा रहे है,
बदनसीब तो वो है जिनके नसीब में हम नहीं।
माना की नसीब में मेरे कोई सनम नहीं
फिर भी कोई शिकवा कोई गम नहीं,
तनहा थे और तनहा जिए जा रहे है,
बदनसीब तो वो है जिनके नसीब में हम नहीं।