कभी टूटते हैं,
तो कभी बिखरते हैं …
विपत्तियों में इन्सान,
ज्यादा निखरते हैं …
ज़िन्दगी की जंग,
जीता देता है हौसला …
मंजिल से पहले,
नहीं ठहरते हैं …
तकलीफों से टूटकर,
मत बहा आँसू दीपक …
ऐसे लोग राम को,
बहुत अखरते हैं …
ऊपर वाले के,
आशीर्वाद से हैं इम्तेहान …
खरा सोना वही है,
जो लोग अंगारों से गुजरते हैं …
सूरज की तलाश में,
न खो वक्त अपना तू …
काली रात में तो,
जुगनू भी चमकते हैं ॥