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Na sakhon ne jagah di- Hindi Shayari
ना शाखों ने जगह दी ना हवाओं ने बख्शा, मैं हूँ टूटा हुआ पत्ता, आवारा ना बनता तो क्या करता !
ना शाखों ने जगह दी ना हवाओं ने बख्शा, मैं हूँ टूटा हुआ पत्ता, आवारा ना बनता तो क्या करता !