Bhagwat Geeta Motivational Quotes, Bhagwat Geeta Famous Lines
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagavad-Gita-Best-Quotes-Lovesove.jpg”]
अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।
[sc name=”share” id=”01″ text=”अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।”]
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagavad-Gita-Famous-Quotes-Lovesove.jpg”]
आसक्ति से कामना का जन्म होता हैं।
[sc name=”share” id=”02″ text=”आसक्ति से कामना का जन्म होता हैं।”]
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagavad-Gita-Positive-Thoughts-Lovesove.jpg”]
मन बड़ा चंचल है, मनुष्य को मथ डालता है, अतः बहुत बलवान है।
[sc name=”share” id=”03″ text=”मन बड़ा चंचल है, मनुष्य को मथ डालता है, अतः बहुत बलवान है।”]
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagavad-Gita-Quotes-On-Life-Lovesove.jpg”]
नैराश्यं परमं सुखम् (निराश परम सुख है।)
[sc name=”share” id=”04″ text=”नैराश्यं परमं सुखम् (निराश परम सुख है।)”]
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagavad-Gita-Quotes-Positive-Thinking-Lovesove.jpg”]
कार्य में कुशलता का योग कहते है।
[sc name=”share” id=”05″ text=”कार्य में कुशलता का योग कहते है।”]
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagwat-Geeta-Motivational-Quotes-Lovesove.jpg”]
परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।
[sc name=”share” id=”06″ text=”परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।”]
For Daily Updates Follow Us On Facebook
[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/09/Bhagwat-Geeta-Thoughts-Lovesove.jpg”]
जो अपने हिस्से का काम किये बिना ही भोजन पाते है, वे चोर है।
[sc name=”share” id=”07″ text=”जो अपने हिस्से का काम किये बिना ही भोजन पाते है, वे चोर है।”]
“असत का अस्तित्व नहीं है और सत का नाश नहीं है। नित्य रहने वाले देह की यह देह नाशवान कही गई है।”
[sc name=”share” id=”08″ text=”असत का अस्तित्व नहीं है और सत का नाश नहीं है। नित्य रहने वाले देह की यह देह नाशवान कही गई है।”]
“ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में वास करता है, और अपनी माया के बल से उन्हें चाक पर चढ़े हुये घड़े की भांति घुमाता है।”
[sc name=”share” id=”09″ text=”ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में वास करता है, और अपनी माया के बल से उन्हें चाक पर चढ़े हुये घड़े की भांति घुमाता है।”]
“क्रोध से मुर्खता उत्पन्न होती हैं, मूढ़ता से भ्रान्ति, भ्रान्ति से बुध्दि का नाश, और बुध्दि के नाश से प्राणी का नाश होता हैं।”
[sc name=”share” id=”010″ text=”क्रोध से मुर्खता उत्पन्न होती हैं, मूढ़ता से भ्रान्ति, भ्रान्ति से बुध्दि का नाश, और बुध्दि के नाश से प्राणी का नाश होता हैं।”]
“सर्वत्र समभाव रखने वाला योगी अपने को सब भूतों में, और सब भूतों को अपने में देखता है।”
[sc name=”share” id=”011″ text=”सर्वत्र समभाव रखने वाला योगी अपने को सब भूतों में, और सब भूतों को अपने में देखता है।”]