बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई हैं, उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई हैं,
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ मुझे, तेरी जरूरत हैं फुर्सत हैं तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।
बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई हैं, उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई हैं,
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ मुझे, तेरी जरूरत हैं फुर्सत हैं तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।