सिर्फ गुलाब मोहब्बत का
पैगाम नही होता,
चाँद-चांदनी का प्यार
सरेआम नही होता,
प्यार होता है मन की
निर्मल भावना से,
वरना ऐसे ही राधा कृष्णा
का नाम अमर नही होता।
सिर्फ गुलाब मोहब्बत का
पैगाम नही होता,
चाँद-चांदनी का प्यार
सरेआम नही होता,
प्यार होता है मन की
निर्मल भावना से,
वरना ऐसे ही राधा कृष्णा
का नाम अमर नही होता।