हम Saini ज़रा हटके हैं, दुश्मनो की हड्डी हड्डी तोड़ देते हैं, पर किसी...
Read moreसिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब...
Read moreपुरानी होकर भी बहुत खास होती हैं, Saini की मोहब्बत, बेहिसाब होती हैं।
Read moreरूठा रूठा सा हैं यु सारा ज़माना, क्युकी हम सैनियों के खून में नहीं...
Read moreज़माना सारा अब जलने लगा, क्युकी सैनियों का टशन सर चढ़ने लगा।
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